गजल गायक जगजीत सिंह का ब्रेन हेमरेजवित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी न्यूयार्क में पीएम मनमोहन सिंह से मुलाकात के लिए अपना वाशिंगटन दौरा बीच में छोड़ेंगे।राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मलयालम फिल्म अदामिंते माकन अबू ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि |
चौतरफा घिरे चिदंबरम
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता
First Published:23-09-11 12:25 AM
ई-मेल प्रिंट टिप्पणियॉ: (0) अ+ अ- टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में गृहमंत्री पी. चिदंबरम चौतरफा घिर गए हैं। एक ओर जहां सरकार में उनके प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी के मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पहले फैक्टशीट भेजकर फिर उसे सार्वजनिक कर दिया, वहीं सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सीबीआई ने उनसे जुड़े दस्तावेजों की जांच करने की हामी भर दी है। रही-सही कोर-कसर विपक्ष ने उनसे इस्तीफा देने या उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर पूरी कर दी।
टूजी घोटाला मामले में एक के बाद एक नए मोड़ आ रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में पीएमओ को भेजे अपने फैक्टशीट सार्वजनिक कर दिया। इसमें बताया गया है कि तब के वित्तमंत्री चिदंबरम ने पीएम को सलाह दी गई थी कि स्पेक्ट्रम को बिना नीलामी के ही बिकने दिया जाए। फैक्टशीट में कहा गया है कि अगर चिदंबरम चाहते तो नीतियों में बदलाव कर इस विशाल घोटाले को रोक सकते थे। उधर, केंद्र सरकार के विशेष वकील पी.पी. राव ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जी.एस. सिंघवी और ए.के. गांगुली की पीठ के समक्ष कहा कि मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश की गई जांच रिपोर्ट के बाद कुछ दस्तावेज उसे मिलते हैं या संज्ञान में आते हैं तो वह इस जांच कर कोर्ट को रिपोर्ट देगी। यह उसका कर्तव्य भी बनता है।
केंद्र सरकार ने यह बात चिंदबरम की जांच करने की अर्जी का सीबीआई द्वारा लगातार कड़ा विरोध करने तथा वित्त मंत्रालय की फैक्टशीट के सामने आने के बाद कही है। इसके साथ ही केंद्र ने जनता पार्टी अध्यक्ष डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की अर्जी पर कोई आदेश पारित न कर उसे खारिज करने का अनुरोध कोर्ट से किया। सुनवाई मंगलवार को जारी रहेगी। हालांकि इस प्रकरण के तेज होने इस समय वाशिंगटन गए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को फोन कर चिदंबरम को ढांढस बंधाया और उनकी नीयत और नीति को पाक-साफ करार दिया है। प्रणब ने भी वहीं से फोन कर प्रकरण की पूरी जानकारी ली। स्वामी ने अर्जी में कहा है कि बिना नीलामी टूजी स्पेक्ट्रम बेचने का फैसला पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने चिदंबरम के साथ मिल कर लिया था।